पैरागान कान्वेंट स्कूल
कक्षा – आठवीं
पाठ – १ ध्वनि
1.काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो :-
संकेत – १ अभी न ……………………………………………………………………………… मेरा अंत
प्रश्न १ – कवि और कविता का नाम लिखो ?
उत्तर – कवि का नाम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और कविता का नाम ध्वनि है।
प्रश्न २ – इस पद्यांश में कवि ने किस ऋतु का वर्णन किया है ?
उत्तर – इस पद्यांश में कवि ने बसंत ऋतु का वर्णन किया है।
प्रश्न ३ – इन पंक्तियों में कवि का दृष्टिकोण कैसा है ?
उत्तर – इन पंक्तियों में कवि का दृष्टिकोण आशावादी है।
संकेत २ – हरे – हरे………………………………………………………………………………………… मनोहर
प्रश्न १ – प्रकृति से प्रभावित होकर कवि क्या संकेत दे रहा है ?
उत्तर – कवि अपने भावी जीवन में सवेरा होने का सन्देश दे रहा है।
प्रश्न २ – कवि किसका त्याग करने को कहता है ?
उत्तर – कवि आलस्य का त्याग करने को कहता है।
संकेत – ३ पुष्प – पुष्प ………………………………………………………………………. मेरा अंत।
प्रश्न १ – कवि पुष्पों से क्या खींचने की बात कर रहा है ?
उत्तर – कवि पुष्पों से उनका आलस्य खींचने की बात कर रहा है।
प्रश्न २ -कवि अपने जीवन से क्या सींचने की बात कर रहा है ?
उत्तर – कवि अपने जीवन से दुखियों के जीवन में खुशियाँ सींचने की बात कर रहा है।
प्रश्न – ३ कवि अपने नवजीवन को किससे भरना चाहता है ?
उत्तर – कवि अपने जीवन को सुख रूपी अमृत से भरना चाहता है।
प्रश्न ४ -कवि पुष्पों को कौन सा द्वार दिखाना चाहता है ?
उत्तर – कवि पुष्पों को ख़ुशी का द्वार दिखाना चाहता है ताकि वह अनंतकाल तक हरे – भरे रह सकें।
प्रश्न ५ – प्रस्तुत कविता की भाषा कैसी है ?
उत्तर – इस कविता में खड़ी बोली हिंदी का प्रयोग किया गया है इसमें तत्सम शब्दों का प्रयोग किया गया है तथा भाषा प्रवाहमयी है।
2.ध्वनि ( पाठ सार )
कवि मानते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा। अभी-अभी उनके जीवन रूपी वन में वसंत रूपी यौवन आया है।कवि प्रकृति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि चारों ओर वृक्ष हरे-भरे हैं,पौधों पर कलियाँ खिली हैं जो अभी तक सो रही हैं।कवि कहते हैं वो सूर्य को लाकर इन अलसाई हुई कलियों को जगाएँगे और एक नया सुन्दर सवेरा लेकर आएंगे। कवि प्रकृति के द्वारा निराश-हताश लोगों के जीवन को खुशियों से भरना चाहते है। कवि बड़ी तत्परता से मानव जीवन को संवारने के लिए अपनी हर ख़ुशी एवं सुख को दान करने के लिए तैयार हैं। वे चाहते हैं हर मनुष्य का जीवन सुखमय व्यतीत हो। इसिलए वे कहते है कि उनका अंत अभी नहीं होगा जबतक वो सबके जीवन में खुशियाँ नहीं लादेते।
3. ध्वनि प्रश्न अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर )
प्र॰1 कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?
उत्तर – कवि को विश्वास है कि अभी उसका अंत नहीं है। उसके अंदर जीवन को जीने के लिए उत्साहए प्रेरणा व ऊर्जा कूट-कूट कर भरी है। एक मनुष्य तभी स्वयं का अंत मान लेता है जब वह अपने अंदर उत्साह को कम कर देता है। परन्तु कवि के अंदर ये तीनों प्रचुर मात्रा में हैं। तो कैसे वह स्वयं का अंत मान ले। इसलिए उसका विश्वास है कि वो अभी अंत की ओर जाने वाला नहीं है।
प्र॰2 फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?
उत्तर – फूलों को खिलने के लिए कवि उन कोमल कलियों को जो आलस से भरी हैं और सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं, अपने कोमल स्पर्श से जगाने का प्रयास करता है ताकि वो नींद से जागकर एक मनोहारी सुबह के दर्शन कर सके। अर्थात् उस युवा-पीढ़ी को नींद से जगाने का प्रयास करता है जो अपने जीवन के प्रति सचेत न रहकर अपना जरुरी समय बरबाद कर रही है और वो ये सब अपनी कविता के माध्यम से करना चाहता है।
प्र॰3 कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?
उत्तर – कवि पुष्पों की तंद्रा एवं आलस्य दूर हटाने के लिए उनमें जीवन अमृत रूपी पराग का संचार करना चाहता है ।
प्र॰ 4 बसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर –हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती हैं – ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद् ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु व वसंत ऋतु । इसमें वसंत को ऋतुराज कहते हैं क्योंकि इस ऋतु में न अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी। अंग्रेज़ी महीने के अनुसार ये मार्च-अप्रैल में होती है। इसमें वसंत पंचमी, नानक त्योहार आता है, पीली-सरसों खिलती है, पेड़ों पर नए पत्ते नई कोपल आती है, आम के बौर भी लगते हैं। ये सभी के लिए स्वास्थयवर्धक भी होती है इसलिए इसे ऋतुराज कहते हैं।