कक्षा – आठवीं पाठ – ४ ( दीवानों की हस्ती )

पैरागान  कान्वेंट स्कूल

कक्षा – आठवीं

पाठ – ४ ( दीवानों की हस्ती )

पठित अवबोधन

१ संकेत – हम दीवानों……………………………………………………………………………………………   कहाँ  चले।

१. प्रश्न – कवि और कविता का नाम लिखो ?

उत्तर – कवि का नाम भगवती चरण वर्मा और कविता का नाम दीवानों की हस्ती है।

२ प्रश्न – दीवाने एक स्थान पर क्यों नहीं टिकते ?

उत्तर – दीवाने व्यक्तियों को अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति तैयार करनी थी ऐसा करते हुए उन्हें पकड़े जाने का भी भय था इसलिए वे एक स्थान पर नहीं टिकते थे।

३ प्रश्न – काव्यांश से मुहावरा छाँटकर वाक्य में प्रयोग करो ?

उत्तर धूल उड़ाते चलना – धूम मचाते हुए चलना – नेता जी के बेटे की बारात में बाराती धूल उड़ाते हुए चल रहे थे।

४ प्रश्न -दीवाने जहां जाते हैं वहाँ लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती है ?

उत्तर -दीवाने जहाँ  जाते हैं वहाँ  के लोग उनको अपने बीच पाकर बहुत खुश होते हैं और जब वे अन्यत्र जाने लगते हैं तो उनकी आँखों में आँसू  आ जाते हैं।

५ प्रश्न – लोगों की खुशियाँ लम्बे समय तक क्यों नहीं बनी रह पाती ?

उत्तर – दीवाने लोग अपनी योजना कामयाब बनाने के लिए जल्दी जल्दी स्थान बदल लिया करते थे। वे स्थाई रूप से कहीं  नहीं रहते थे। इसलिए लोगों की खुशियाँ  लम्बे समय तक बनी नहीं रह पाती थी।

2  संकेत – किस और चले ……………………………………………………………………………………………  पिए चले।

१. प्रश्न – दीवाने क्यों चलते जा रहे थे  ?

उत्तर – दीवाने अपने लक्ष्य ( स्वतंत्रता ) की प्राप्ति के लिए चलते जा रहे थे।

२ प्रश्न – उन्होंने इस संसार से क्या लिया और क्या दिया  ?

उत्तर – दीवानों ने अभावग्रस्त और खुशियों से वंचित लोगों के दुखों को लिया तथा उन्हें खुशियाँ प्रदान की  ।

३ प्रश्न – दीवाने लोगों से किस तरह मिले  ?

उत्तर – दीवाने लोगों से अपनत्व के भाव से मिले ।

४ प्रश्न -काव्यांश से दीवानों की किस विशेषता का पता चलता है ?

उत्तर -काव्यांश से ज्ञात होता है कि दीवाने सुख – दुःख को समान रूप से ग्रहण करते हैं ।

3  संकेत – हम भिखमंगों ……………………………………………………………………………….   बंधन तोड़ चले।

१. प्रश्न – कवि ने दुनिया को कैसा बताया है और क्यों  ?

उत्तर – कवि ने दुनिया को भिखमंगा बताया है क्योंकि वह सिर्फ लेना ही जानती है देना नहीं ।

२ प्रश्न – दीवानों के सीने पर किस असफलता का भार है   ?

उत्तर – दीवानों  के सीने पर अपना लक्ष्य स्वतंत्रता और लोगों को खुशहाल न बना पाने की असफलता का भार है  ।

३ प्रश्न – ” असफलता शब्द से उपसर्ग और प्रत्यय अलग अलग करके लिखो  ?

उत्तर – असफलता शब्द में ” अ ” उपसर्ग तथा ” ता ” प्रत्यय है  ।

४ प्रश्न -लोगों के लिए दीवाने क्या कामना करते हैं  ?

उत्तर -लोगों के लिए दीवाने कामना करते हैं कि  लोग जहाँ  भी रहें हँसी – ख़ुशी भरा जीवन बिताएँ  ।

प्रश्न 1:कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर:- कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती का आलम लेकर जाता है। वहाँ लोगों के मन प्रसन्न हो जाते हैं।
पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता है तब उसे तथा वहाँ के लोगों को दुःख होता है। विदाई के क्षणों में उसकी आखों से आँसू बह निकलते हैं।

प्रश्न 2:भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर: यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है।

प्रश्न 3:कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर: कविता में कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण अच्छा लगा। कवि कहते है कि हम सबके सुख-दुःख एक है तथा हमें एक साथ ही इन सुखों और दुखों को भोगना पड़ता है। हमें दोनों परिस्थितियों का सामना समान भाव से करना चाहिए। ऐसी दृष्टिकोण रखनेवाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता है।