कक्षा – पाँचवीं पाठ – ६ ( अकबर और बीरबल )

पैरागान कान्वेंट स्कूल

कक्षा – पाँचवीं

पाठ – ६ ( अकबर और बीरबल )

1)कठिन शब्द

मुगलकाल ,बादशाह , प्रसिद्ध ,बुद्धिमान , विद्वानों ,जहाँपनाह ,निर्वाह ,सिंहासन ,ईश्वर ,आत्मविश्वास।

2)शब्दार्थ पृष्ठ क्रमांक ५४ से स्वयं करें।

3)निम्नलिखित शब्दों से वाक्य स्वयं बनाएँ।

1.बुद्धिमान :-

  1. बादशाह :-

3.शाबाशी :-

4.सिंहासन :-

4)निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो।

1.मुगलकालीन बादशाहों में सबसे अधिक प्रसिद्ध बादशाह कौन  थे ?

उत्तर – अकबर

2.अकबर के दरबार में बीरबल क्या थे ?

उत्तर – मंत्री

3.एक दिन बीरबल को रास्ते में कौन  मिली ?

उत्तर – लड़की

4.अकबर ने बीरबल से कितने प्रश्न पूछे ?

उत्तर – तीन

5.रिक्त स्थान भरिए

 

1.मुगल बादशाहों में अकबर का नाम बहुत प्रसिद्ध था।

 

2.बीरबल बहुत चतुर और बुद्धिमान थे।

 

(ग) ईश्वर कहाँ रहता है? वह कैसे मिलता है? वह क्या करता है?

 

(घ) दही को मथने बिलोने से मक्खन मिलता है।

 

6.लघु उत्तरीय प्रश्न

 

(क) मुगल बादशाहों में सबसे प्रसिद्ध बादशाह कौन था? मुगल बादशाहों में सबसे प्रसिद्ध बादशाह अकबर था।

(ख) बच्ची ने बीरबल के प्रश्न का क्या उत्तर दिया?

 

उ० पिता जी! ये कोई प्रश्न है, आप चिंता मत कीजिए। आप बादशाह से बस इतना कह दें कि इन प्रश्नों का उत्तर तो मेरी पुत्री ही दे देगी। आप मुझे राजमहल अपने साथ ले चलें।

 

(ग) एक दिन बादशाह ने बीरबल से एक साथ कौन-कौन से प्रश्न पूछ डाले?

 

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से एक साथ तीन प्रश्न पूछ डाले- ईश्वर कहाँ रहता है? ईश्वर कैसे मिलता है? वह क्या करता है?

 

(घ) लड़की ने बादशाह के पहले प्रश्न का उत्तर कैसे दिया?

 

7.दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 

हुजूर, जैसे दूध में मीठा मिला है। ऐसे ही ईश्वर संसार की प्रत्येक वस्तु में रहता है।

 

(क) लड़की ने बादशाह के दूसरे प्रश्न का उत्तर कैसे दिया?

(क) लड़की ने बादशाह के दूसरे प्रश्न का उत्तर कैसे दिया?

 

आपके दूसरे प्रश्न का यही उत्तर है, जहाँपनाह! जैसे दही को बिलोने से मक्खन मिलता है। उसी प्रकार ध्यान लगाने से और मन को एकाग्र करने से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। अकबर लड़की की बुद्धिमत्ता पर आश्चर्यचकित रह गए।

 

(ख) अंत में लड़की ने बादशाह के तीसरे प्रश्न का उत्तर कैसे दिया ?

 

उ० जहाँपनाह! इस प्रकार का उत्तर केवल गुरु ही दे सकता। क्षमा करें, आप मुझे यदि गुरु स्वीकार कर लें तो उत्तर मिल सकता है। ठीक है! तुम गुरु, मैं शिष्य।

 

श्रीमान ! गुरु का स्थान ऊँचा होता है और शिष्य का नीचे आपने मुझे गुरु माना है, अतः आप सिंहासन से उतरकर नीचे आसन पर बैठने का कष्ट करें। अकबर सिंहासन से उतरकर नीचे आसन पर बैठ गए। लड़की सिंहासन पर बैठकर बोली- ‘जहाँपनाह! आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।” लेकिन बादशाह को कुछ भी समझ नहीं आया।

 

बादशाह! इस समय आप नीचे आ बैठे हैं और मैं गरीब लड़की आपके सिंहासन पर बैठी हूँ। ईश्वर यही करता है, वह कभी बादशाह को भिखारी और कभी भिखारी को बादशाह बना देता है।”

 

(ग) बादशाह ने खुश होकर लड़की के साथ क्या किया?

 

उ० बादशाह अकबर ने खुश होकर लड़की की सूझ-बूझ और बुद्धि की बहुत प्रशंसा की और उसे अनेक उपहा मेस्वरूप दिए।

 

(घ) इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

 

उ० इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य या प्रश्नों के उत्तर बुद्धिमानी से संपन्न किए जा सकते है।