कक्षा – आठवीं पाठ – १६   , पानी की कहानी

 

 

 

पैरागान  कान्वेंट स्कूल

कक्षा – आठवीं

पाठ – १६   , पानी की कहानी

पाठ सार

“पानी की कहानी” में एक ओस की बून्द अपनी रक्षा के लिए बेर के पेड़ पर से लेखक की हथेली पर कूद जाती है और उसे अपनी कहानी सुनाना शुरू करती है। ओस की बूँद कहती है कि अरबों वर्ष पहले ‘हाइड्रोजन’ और ’ऑक्सीजन’ के मिलने से उसका जन्म हुआ। जब पृथ्वी का तापमान घटा तो वह बर्फ के रूप में बदल गई और जब बर्फ का सामना गर्म धारा से हुआ तो वह पिघल कर समुद्र के पानी में मिल गई। समुद्र की गहराई की यात्रा करने की इच्छा ने उसे समुद्र की गहराई में ले लिया। वहाँ से वह ऊपर ना आ सकी और वह वही वर्षों तक समुद्र की चट्टानों से होते हुए ज़मीन में सहारे ज्वालामुखी तक पहुँच गई। वह से उसे तेज गति के साथ भाप की स्थिति में आकाश में भेज दिया गया और वहाँ आँधी में मिल जाना पड़ा और जब बहुत से वाष्प कण मिल गए तो भार अधिक होने के कारण वे बारिश के रूप में पहाड़ पर आ गिरी। पहाड़ पर से अपने साथियों के साथ तेज़ी से एक ऊँची जगह से नीचे गिरी और नीचे पत्थर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। वहां से समतल भूमि की तलाश में नदी की धारा के साथ बहते हुए कभी मिट्टी का कटान किया, तो कभी पेड़ों की जड़ों को खोखला कर के उनको गिरा दिया। अपनी जिज्ञासा के कारण कारखाने के नलों में कई दिनों तक फसे रहने के बाद भाग्य के साथ देने पर एक टूटे नल से बाहर निकल कर वापिस भूमि द्वारा सोख लेने पर बेर के पेड़ तक पहुँच गई। बेर के पेड़ की जड़ों के रोएँ द्वारा खींच लेने पर कई दिनों तक वहीं फसे रहने पर पत्तों के छोटे-छोटे छेदों के द्वारा बाहर निकल गई। रात होने के कारण वहीं सुबह का इन्तजार करती रही और सुबह लेखक को देख कर अपनी रक्षा की खातिर उसकी हथेली पर कूद पड़ी और सूरज के निकलते ही वापिस भाप बन कर उड़ गई।

 

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1 – लेखक को ओंस की बूँद कहाँ मिली?

उत्तर – सुबह काम पर जाते समय बेर के पेड़ पर से लेखक की हथेली पर एक बून्द गिरी। वही ओस की बून्द थी।

प्रश्न 2 – ओंस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी?

उत्तर – ओंस की बूँद के अनुसार पेड़ की जड़ों के रोएँ बहुत निर्दयी होते हैं। वे बलपूर्वक जल-कणों को पृथ्वी में से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और ज्यादातर पानी के जो कण हैं वो अपने असस्तिव को खो देते है और उनका सब कुछ छीन जाता है और पेड़ के द्वारा उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है, यानी के वह अपना रूप खो देते हैं। यह सब बताते हुए ओंस की बून्द का शरीर क्रोध और घृणा से काँप रहा था।

प्रश्न 3  – हाइट्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा?

उत्तर – ओस की बून्द लेखक को बताती है कि अरबों वर्ष पहले ‘हाइड्रोजन’ और ’ऑक्सीजन’ के मिलने से वह पैदा हुई है। उन्होंने आपस में मिलकर अपना प्रत्यक्ष अस्तित्व गँवा दिया है और उसे उत्पन्न किया है। इसी कारण वह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अपना पूर्वज/पुरखा कहती है।

प्रश्न 4 – “पानी की कहानी” के आधार पर पानी के जन्म और जीवन-यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए?

उत्तर – “पानी की कहानी” के आधार पर पानी का जन्म अरबों वर्ष पहले ‘हाइड्रोजन’ और ‘ऑक्सीजन’ के मिलने से पानी का जन्म हुआ और तब से लेकर पानी की जीवन यात्रा बहुत ही विचित्र रही है। जन्म के बाद पानी ने ठोस रूप बर्फ का रूप लिया और गर्म धारा के द्वारा तरल रूप ले लिया। वहां से समुद्र के तल तक यात्रा कर के जमीन के द्वारा ज्वालामुखी तक पहुँच गया और वहां पर गर्मी के कारण वाष्प रूप ले लिया और आकाश में आंधी के साथ मिल गया। अधिक वाष्प कण हो जाने पर बारिश के रूप में वापिस पृथ्वी पर आ गया। वहाँ से नदियों के सहारे दोबारा जमीन द्वारा सोख लिया गया और पेड़ों द्वारा वाष्पीकरण से दोबारा भाप की स्थिति में आ कर वायुमंडल में घूमने लगा।

प्रश्न 5 – कहानी के अंत और आरम्भ के हिस्से को स्वयं पढ़ कर देखिए और बताइए कि ओस की बूँद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?

उत्तर – ओस की बूँद लेखक को आपबीती सुनाते हुए सूर्य के निकलने की किसकी प्रतीक्षा कर रही थी, ताकि वह सूर्य की ऊष्मा से भाप बन कर उड़ सके।