कक्षा – छह पाठ -९ ( टिकट अलबम )

पैरागान कान्वेंट स्कूल
कक्षा – छह
पाठ -९ ( टिकट अलबम )

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न 1.नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ. पर क्या लिखा और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर-नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर लिखा था-ए. एम. नागराजन और नीचे की पंक्तियों में लिखा था—‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’ ऐसा इसलिए लिखा था ताकि उसे कोई चुराने की कोशिश न करे। यह अलबम हमेशा-हमेशा के लिए नागराजन के पास रहे। कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर इसका यह असर हुआ कि उन्होंने इसे अपने अलबम और कॉपी में उतार लिया।

प्रश्न 2.नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की दशा क्या हुई?
उत्तर-नागराजन का अलबम हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ने लगा और अपने फालतू टिकटों के बदले नागराजन से कुछ अच्छे टिकट लेने की सोचने लगा ताकि उसका अलबम और अच्छा हो जाए, लेकिन उसने मौका देखकर नागराजन का अलबम चोरी कर लिया।

प्रश्न 3.अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर-अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था। वह बहुत घबरा रहा था कहीं कोई देख न ले। घर जाकर भी उसको ऐसा लग रहा था जैसे उसका सारा शरीर जल रहा हो। उसने रात में खाना भी नहीं खाया। उसका चेहरा भयानक हो गया था। घर के लोग उसे देखकर चिंतित हो गए थे। रात में उसे ठीक से नींद भी नहीं आई। अलबम को तकिए के नीचे रखकर ही वह सो गया।

प्रश्न 3.अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर-अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था। वह बहुत घबरा रहा था कहीं कोई देख न ले। घर जाकर भी उसको ऐसा लग रहा था जैसे उसका सारा शरीर जल रहा हो। उसने रात में खाना भी नहीं खाया। उसका चेहरा भयानक हो गया था। घर के लोग उसे देखकर चिंतित हो गए थे। रात में उसे ठीक से नींद भी नहीं आई। अलबम को तकिए के नीचे रखकर ही वह सो गया।

प्रश्न 4.राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?
उत्तर-राजप्पा ने सोचा कि नागराजन के पिता पुलिस में शिकायत करेंगे और पुलिस आकर उसे पकड़ लेगी। ‘अप्पू’ ने राजप्पा को बहुत डरा दिया था। जब राजप्पा की माँ ने किवाड़ खटखटाया तो राजप्पा ने समझा कि पुलिस आ गई है। उसने हड़बड़ाहट में वह अलबम अंगीठी में डाल दिया जिससे पुलिस को अलबम का पता न चले।

प्रश्न 5.लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर-जिस प्रकार मधुमक्खी सारा दिन दूर-दूर घूम-घूमकर फूलों से मकरंद चूसती है और शहद की एक-एक बूंद इकट्ठा करती है, उसी प्रकार राजप्पा भी सारा दिन मेहनत करके दूर-दूर से, एक-एक टिकट इकट्ठा करके लाता था। इस प्रकार राजप्पा का टिकटों का संग्रह मधुमक्खी द्वारा विभिन्न फूलों से रस लेने के समान था। इसी समानता के कारण लेखक ने उसकी तुलना मधुमक्खी से की है।