कक्षा – सातवीं पाठ -१ हम पंछी उन्मुक्त गगन के

पैरागान  कान्वेंट स्कूल

कक्षा – सातवीं

पाठ -१ हम पंछी उन्मुक्त गगन के

शब्दार्थ –

1.उन्मुक्त – आजाद                                  2. पिंजरबद्ध – पिंजरे में बंद

3कनक – तीलियों – सोने की सलाखों 4.कटुक – कड़वा ,

5.निबोरी – नीम का फल                          6.मैदा – खाने का पदार्थ

7.पुलकित – सुंदर                    8. तारक – अनार – तारे रूपी अनार के दाने

9.नीड – घोंसला                       10. आकुल – व्याकुल

11.होंडा -होड़ी – दूसरों से आगे बढ़ने की चाह

सार

इस कविता में कवि शिवमंगल सिहं सुमन ने पक्षियों के पिंजरे में बंद रहने के माध्यम से आजादी के महत्व को दर्शाया है।  कवि पक्षी के मन की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहता है की पक्षी खुले आकाश में आजादी से उड़ते और चहचहाते हैं। यदि उन्हें पिंजरे में बंद करके सोने की कटोरी में दाना  पानी दिया जाए तो वः अपने असली रूप को खो देते हैं।  पिंजरे में बंद रहकर उनके लिए खुला आकाश बहता पानी पेड़ की डालें सब कुछ सपना हो जाएगा।  कवि कहते हैं की यदि भगवान ने उन्हें पंख दिए हैं तो उन्हें बाँधकर  नहीं रखना चाहिए।  उन्हें उड़ने के लिए खुले आकाश में छोड़ देना चाहिए।

पठित अवबोधन

संकेत – १ हम पंछी  मैदा से

प्रश्न १ – हम पंछी  उन्मुक्त गगन के कविता के कवि का नाम लिखो ?

उत्तर – इस कविता के कवि का नाम शिवमंगल सिहं सुमन है।

प्रश्न २ – किस वस्तु से टकराकर पक्षियों के पंख टूट जाएंगे ?

उत्तर – कनक तीलियों से टकराकर पक्षियों के पंख टूट जाएँगे।

प्रश्न ३ – पक्षियों को सोने की कटोरी में परोसी मैदा से अधिक  क्या पसंद है ?

उत्तर – पक्षियों को सोने की कटोरी में परोसी मैदा से अधिक कटुक निबौरी  पसंद है।

प्रश्न ४ – गति और बंधन शब्द का विलोम शब्द लिखो।?

उत्तर – गति – ठहराव , बंधन – मोक्ष

संकेत – 2  स्वर्ण – श्रृंखला   के दाने

प्रश्न १ – सोने की जंजीर में बांधकर पक्षी क्या भूल गए हैं ?

उत्तर – सोने की जंजीर में बांधकर पक्षी गति और उड़ान भूल गए हैं।

प्रश्न २ – पक्षी सपनों में क्या देख रहे हैं ?

उत्तर – पक्षी सपनों में सबसे ऊंची डाली पर झूला झूलने का सपना देख रहे हैं।

प्रश्न ३ – पक्षी के क्या अरमान हैं ?

उत्तर – पक्षी के आकाश की  सीमा छूने और अपनी चोंच से तारे रूपी अनार के दाने चुगने के अरमान हैं।

संकेत – ३ होती    डालो

प्रश्न १ – पक्षी अपने साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करके किस लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं ?

उत्तर – पक्षी अपने साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करके  सीमाहीन क्षितिज तक पहुँचना चाहते हैं।

प्रश्न २ – पक्षी मनुष्य से क्या आग्रह कर  रहे हैं ?

उत्तर – पक्षी मनुष्य से  आग्रह कर  रहे हैं  कि  उन्हें पिंजरे में बंद न करके खुले आकाश में छोड़  दें।

प्रश्न ३ – प्रस्तुत पद्यांश में युग्म शब्द छाँटो।

उत्तर – होडा – होड़ी , छिन्न – भिन्न

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता से

प्रश्न 1.हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते ?
उत्तर-हर प्रकार की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते, क्योंकि उन्हें वहाँ उड़ने की आजादी नहीं है। वे तो खुले आसमान में ऊँची उड़ान भरना, नदी-झरनों का बहता जल पीना, कड़वी निबौरियाँ खाना, पेड़ की ऊँची डाली पर झूलना, कूदना, फुदकना अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग ऋतुओं में फलों के दाने चुगना और क्षितिज मिलन करना ही पसंद है। यही कारण है कि हर तरह की सुख-सुविधाओं को पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते।

प्रश्न 2.पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर- पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी इन इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं
(क) वे खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं।
(ख) वे अपनी गति से उड़ान भरना चाहते हैं।
(ग) नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं।
(घ) नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाना चाहते हैं।
(ङ) पेड़ की सब ऊँची फुनगी पर झूलना चाहते हैं।

प्रश्न 3.भाव स्पष्ट कीजिए-
या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर -इस पंक्ति में कवि पक्षी के माध्यम से कहना चाहता है कि यदि मैं स्वतंत्र होता तो उस असीम क्षितिज से मेरी होड़ हो जाती। मैं इन छोटे-छोटे पंखों से उड़कर या तो उस क्षितिज से जाकर मिल जाता या फिर मेरा प्राणांत हो जाता।