कक्षा – ५ पाठ – १ ( हरियाली )

पैरागान कान्वेंट स्कूल

कक्षा – ५

पाठ – १ ( हरियाली )

1) कठिन शब्द

1.हरियाली,
2. रँग रलियाँ,
3.किसलय,
4.समीर,
5.मधुदिन,
6.कोमल,

7 कंटकों,
8.चाँदनी
9.मन भाई

2) शब्दार्थ पृष्ठ क्रमांक ८ से स्वयं करें।

3) पुस्तिका के पृष्ठ क्रमांक १० से प्रश्न संख्या ५ वाक्य बनाओ स्वयं करें।

4) सोचिए और बताइए

(क) प्रकृति एक अमूल्य धरोहर है। कैसे?

उ० प्रकृति एक अमूल्य धरोहर है क्योंकि इसमें अनेक प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौथे, हवा, सूर्य, आकाश, फूल, चाँद और उसकी
चाँदनी सभी की अपनी मनोरम भाव-भंगिमा है।

(ख) आँसुओं में कौन खिल रहा है?
उ० आँसुओं में फूल खिल रहे हैं।

लिखित कार्य
1. दिए गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनिए

(क) मलय समीर किससे बातें करता है?
(स)सूरज से

(ख) चारों ओर हरियाली देखकर कौन चहकी?
(अ) चिड़ियाँ

(ग) कविता की रचयिता हैं
(ब) महादेवी वर्मा

2 कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए

(क) फूल हैं हम सरस कोमल, आँसुओं में खिल रहे हम।
विश्व में हमने बिखेरा, चाँदनी-सा हास निर्मल ।।

(ख) मधुदिन है अब आनेवाला। मैं मलय समीर निराला।।

3.लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) कवयित्री ने हरियाली आने पर क्या होना दर्शाया है?

उ० हरियाली आने पर चिड़िया हक उठती हैं। कवयित्री ने यही दर्शाया है।
(ख) मलय समीर से क्या तात्पर्य है?

उ० मलय समीर से तात्पर्य है- ‘सुगंधित हवा’।

(ग) फूलों ने संसार में किस प्रकार की प्रसन्नता फैलाई है?

उ० फूलों ने संसार में चाँदनी जैसी पवित्र प्रसन्नता फैलाई है

(घ) कविता की लेखिका कौन हैं?

उ० कविता की लेखिका महादेवी वर्मा  हैं।

  1. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) कविता में कवयित्री ने किसका वर्णन किया है?

उ० कविता में कवयित्री ने मौसम की हारियाली, मलय समीर की गति और फूलों के गुणों का वर्णन किया है।

(ख) कविता के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है?
उ० कविता के माध्यम से कवि यह बताना या संदेश देना चाहते हैं कि प्रकृति हमारी अमूल्य धरोहर है, अतः इसकी सुरक्षा करना हमारा दायित्व है।

भाषा बोध

  1. दिए गए विस्मयबोधक शब्दों की सहायता से वाक्य बनाइए

(क) वाह! वाह! क्या दृश्य था।

(ख) शाबाश! शाबाश! तुमने मैच जीत लिया।

(ग) उफ़! उफ़! कितनी गरमी है।

2.दिए गए शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए

उत्तर- जवाब, एक दिशा

धन -जोड़, रुपया-पैसा

कर- हाथ ,टैक्स

  1. दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

धरती-आकाश.              कोमल- कठोर

नया -पुराना.                  पवित्र -अपवित्र