कक्षा – 4 पाठ – 3 (युवाओं के प्रेरणास्त्रोत : विवेकानंद

पैरागान कान्वेंट स्कूल

कक्षा – 4

पाठ – 3 (युवाओं के प्रेरणास्त्रोत : विवेकानंद  )

1) कठिन शब्द पृष्ठ क्रमांक 28 से स्वयं करें।

2) शब्दार्थ पृष्ठ क्रमांक 27 से स्वयं करें।

3) पुस्तिका के पृष्ठ क्रमांक 29 से प्रश्न संख्या 5 वाक्य बनाओ स्वयं करें।

लिखित कार्य

4.(क) स्वामी जी ने अपने विचारों एवं कार्यों से विश्व को क्या दिया?
उ०-  स्वामी जी ने अपने विचारों एवं कार्यों से विश्व को एक नई दिशा दी।

(ख) स्वामी जी ने युवाओं को आस्तिक एवं नास्तिक की परिभाषा किस रूप में बताई है?

उ० स्वामी जी के अनुसार आस्तिक वही है, जो खुद पर विश्वास करे। यदि कोई व्यक्ति केवल भगवान पर ही विश्वास करता है, पर खुद पर नहीं करता, तो वह नास्तिक है। अर्थात् आत्मविश्वास सबसे महत्वपूर्ण है। खुद पर भरोसा रखने से ही व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है।

दिए गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनिए

(क) स्वामी विवेकानंद का जन्म किस सन् में हुआ था?
(ब) 1863 में

(ख) स्वामी जी का देहावसान कितनी आयु में हो गया था?  (ब) 39 वर्ष में

(ग) स्वामी जी ने किसको शक्तिशाली परमात्मा माना है?  (ब) आत्मा को

5. रिक्त स्थान भरिए

(क) आत्मविश्वास को मज़बूत करने के लिए तन और मन का स्वस्थ होना आवश्यक है।

(ख) विवेकानंद जी के अनुसार, सारी शक्ति हमारे अंदर ही होती है।

(ग) व्यक्ति को स्वयं पर भरोसा करना बहुत जरूरी होता है।

(घ) विश्व एक व्यायामशाला है।

6.लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) विवेकानंद जी का जन्म कहाँ हुआ था?

उ० – विवेकानंद जी का जन्म कोलकाता में हुआ था।

(ख) स्वामी जी के अनुसार आत्मा क्या है?
उ०   – स्वामी जी के अनुसार आत्मा सर्वशक्तिमान है।

(ग) स्वामी जी का जन्म किस सन् में हुआ था?

उ० – स्वामी जी का जन्म सन् 1863 में हुआ था।

(घ) स्वामी जी कितनी आयु में स्वर्ग सिधार गए?

उ० स्वामी जी 39 वर्ष की आयु में स्वर्ग सिधार गए।

7.दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) स्वामी जी ने विश्व को किस प्रकार एक नई दिशा दी?

उ० स्वामी जी ने अपने विचारों एवं कार्यों से पूरे  विश्व को एक नई  दी।

(ख) स्वामी जी ने युवाओं को सफल होने के कौन-कौन से सूत्र बताए हैं?

उoस्वामी जी ने युवाओं को सफल होने के निम्नलिखित सूत्र बताए हैं- 1. आत्मविश्वासी बनें 2. तन मन स्वस्थ रखना 3. संयम अनुशासन 4. स्वावलंबन 5. स्वयं पर भरोसा आदि।
(ग) स्वामी जी के जीवन से क्या सीख मिलती है?

उ० स्वामी जी के जीवन से सीख मिलती है कि स्वयं पर भरोसा रखकर आत्मशक्ति के साथ स्वावलंबी बनना चाहिए। क्योंकि आत्मा सर्वशक्तिमान है।

8निम्नलिखित शब्दों का वाक्य प्रयोग कीजिए

सर्वशक्तिमान :-

आत्मविश्वासी :-

स्वावलंबी :-

अनुशासन :-

9.निम्नलिखित वाक्यांशों हेतु एक शब्द लिखिए

गाँव में रहने वाला.    – ग्रामीण

दूसरों पर उपकार करने वाला – परोपकारी

 जो मौके का लाभ उठाते हैं – मौकापरस्त

 जिसके आने की तिथि तय न हो – अतिथि

10)पाठ में आए किन्हीं दस विशेषण शब्दों को स्वयं लिखिए